10 सर्वश्रेष्ठ फॉरेक्‍स ट्रेडिंग स्‍ट्रेटजियां एवं तकनीकें l ATFX

विषयसूची:

  1. फॉरेक्‍स ट्रेडिंग क्या है
  2. 10 सर्वश्रेष्‍ठ फॉरेक्‍स ट्रेडिंग स्‍ट्रेटजियां
  3. अपने लिए उपयुक्‍त सर्वोत्तम फॉरेक्‍स ट्रेडिंग स्‍ट्रेटजी कैसे चुनें
  4. ATFX क्यों चुनें?
  5. लाइव ट्रेडिंग अकाउंट कैसे ओपन करें और ATFX से ट्रेडिंग कैसे शुरू करें

 

  1. फॉरेक्‍स ट्रेडिंग का परिचय

फॉरेक्‍स ट्रेडिंग या FX ट्रेडिंग, लाभ कमाने के लिए ग्‍लोबल बाजार में करेंसियों की खरीद और बिक्री है। दैनिक ट्रेडिंग वॉल्‍यूम $7.5 ट्रिलियन से अधिक से, यह दुनिया का सर्वाधिक बड़ा और सर्वाधिक लिक्विड वित्तीय बाजार है। बाज़ार ट्रेडर इसमें करेंसी युग्‍म के अंतर, जैसे यूरो बनाम अमेरिकी डॉलर (EUR/USD) पर अटकलें लगा सकते हैं। ट्रेडिंग सत्रों के विभिन्न टाईम जोन में ओवरलैप होने से, फॉरेक्‍स बाज़ार दिन के 24 घंटे, सप्ताह के पाँच दिन ओपन और चौबीसों घंटे उपलब्ध रहता है। सरकारें, वित्तीय संस्थान, बिजनेस और रिटेल ट्रेडरों की फॉरेक्‍स बाजार में महत्वपूर्ण भूमिका है। सटीक निर्णय और जोखिम प्रभावी ढंग से मैनेज करने के लिए फॉरेक्‍स ट्रेडरों को राजनीतिक घटनाओं, तकनीकी विश्लेषण और आर्थिक डेटा को अच्छी तरह से समझना चाहिए।

 

 

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  1. 10 सर्वश्रेष्‍ठ फॉरेक्‍स ट्रेडिंग स्‍ट्रेटजियां

फॉरेक्‍स बाजार में श्रेष्‍ठ प्रदर्शन की क्षमता सर्वश्रेष्‍ठ फॉरेक्‍स ट्रेडिंग स्‍ट्रेटजी चुनने पर काफी हद तक निर्भर करती है। ट्रेडर फॉरेक्‍स ट्रेडिंग स्‍ट्रेटजी के माध्यम से फॉरेक्‍स बाजार में करेंसी युग्‍म खरीदना या बेचना चुनने के लिए व्यापक योजना का उपयोग कर सकता है। यह व्यवस्थित रूप से सर्वोत्तम ट्रेडिंग समय खोजने के निर्दिष्ट नियम और मानदंड नियोजित करता है। ट्रेडिंग स्‍ट्रेटजियां ट्रेंड फॉलोइंग जैसी सरल स्‍ट्रेटजियों से लेकर तकनीकी इंडीकेटरों और एल्गोरिदम से जटिल प्रणालियों तक होती हैं। मुख्य उद्देश्य जोखिम को प्रभावी तरीके से मैनेज करते हुए लाभ कमाना, व्यक्तिगत पूर्वाग्रहों को रोकना और ट्रेडिंग व्यवहार में स्थिरता बनाए रखना है।

 

ट्रेंड फॉलो करने की स्‍ट्रेटजी

बाजार ट्रेंड के आधार पर यह फॉरेक्‍स ट्रेडिंग स्‍ट्रेटजी ट्रेड पहचानने और निष्पादित करने पर निर्भर करती है, जो ऊपर, नीचे या इर्दगिर्द हो सकते हैं। संभावित ट्रेंड पहचानने के लिए निवेशक मूविंग एवरेज और MACD (मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डाइवर्जेंस) जैसे टूल उपयोग करते हैं। उदाहरण के लिए, मंदी के बाजार में ट्रेडर करेंसी युग्‍म खरीदकर इन्‍हें तब तक अपने पास रख सकता है जब तक कि ट्रेंड उलट न जाए। इस विधि का मुख्य फायदा ट्रेंडिंग मार्केट में महत्वपूर्ण रिटर्न की संभावना और इसकी सरलता है।

 

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रेंज ट्रेडिंग स्‍ट्रेटजी

रेंज ट्रेडिंग में ऐसा करेंसी युग्‍म चुनना सफलता की कुंजी है जो विशेष मूल्य सीमा में ट्रेड करती है और उस सीमा में प्रत्याशित ऊंचे और निचले लेवल से मुनाफा कमाती है। उच्च सीमा या प्रतिरोध, वह है जहां ट्रेडर बेचते हैं, निचली सीमा, जो सपोर्ट के रूप में कार्य करती है, जहां वे खरीदते हैं। इन श्रेणियों को पहचानने के लिए ट्रेडर RSI (रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स) और बोलिंगर बैंड जैसे इंडीकेटर उपयोग करते हैं। यह दृष्टिकोण उन बाजारों में सबसे प्रभावी है जहां कोई स्पष्ट ट्रेड पैटर्न न हों और जहां कीमत में उतार-चढ़ाव से लाभ संभव हो।

 

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ब्रेकआउट स्‍ट्रेटजी

ब्रेकआउट ट्रेडिंग में बने सपोर्ट या प्रतिरोध लेवल से आगे बढ़ने वाले मूल्य उतार-चढ़ाव ट्रेडर मॉनिटर करते हैं। ये ब्रेकआउट आमतौर पर महत्वपूर्ण कीमतों में उतार-चढ़ाव से बनते हैं, जिनसे आकर्षक ट्रेडिंग अवसर मिलते हैं। सपोर्ट और प्रतिरोध लेवल और वॉल्यूम इंडीकेटर ब्रेकआउट की वैधता की पुष्टि करते हैं। प्रतिरोध लेवल टूटने के बाद अधिक गति की आशा से कोई करेंसी युग्‍म खरीदना इसका उदाहरण है।

 

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पोजीशन ट्रेडिंग

पोजीशन ट्रेडिंग ऐसी दीर्घकालिक ट्रेडिंग तकनीक है जहां बाजार ट्रेंड के आधार पर आप हफ्तों, महीनों या वर्षों तक ट्रेडिंग पोजीशन बनाए रखते हैं। आर्थिक इंडीकेटरों, ब्याज दर अंतर और राजनीतिक विकास पर केंद्रित यह दृष्टिकोण मुख्य रूप से मौलिक रिसर्च पर आधारित है। देश के आर्थिक विकास पूर्वानुमानों के आधार पर ट्रेडर करेंसी युग्‍म खरीदकर दृष्टिकोण बदलने तक पोजीशन बनाए रख सकता है।

 

स्विंग ट्रेडिंग

स्विंग ट्रेडिंग का लक्ष्य बाजार के उतार-चढ़ाव अधिकतम कर, अधिक विस्तारित पैटर्न में अल्पकालिक और मध्यम अवधि के लाभ कमाना है। संभावित उलटफेर पहचानने के लिए ट्रेडर फाइबोनैचि रिट्रेसमेंट, ट्रेंड लाइन और गति इंडीकेटर उपयोग करते हैं। समग्र ट्रेड में क्रमिक गिरावट के बाद सामान्य स्विंग ट्रेड में करेंसी युग्‍म खरीदना और अगले माह उच्च कीमत पर बेचना हो सकता है।

 

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स्‍केल्पिंग

उच्च-आवृत्ति के निवेश की स्‍ट्रेटजी, स्‍केल्पिंग के रूप में जानी जाती है जिसमें समय के छोटे अंतरालों, अक्सर मिनटों में निष्पादित बड़ी संख्या में ट्रेडों से मामूली रिटर्न की मांग हो। मूल्य में मामूली उतार-चढ़ाव से लाभ पाने के लिए स्कैलपर तंग स्‍प्रेड, सुदृढ़ लिक्विडिटी और त्‍वरित निर्णय का उपयोग करते हैं। ट्रेडों को अधिक प्रभावी ढंग से निष्पादित करने के लिए वे एक मिनट के चार्ट और परिष्कृत ऑर्डर प्रकार जैसे टूल उपयोग करते हैं। अपनी तीव्र गति के कारण, स्‍केल्पिंग के लिए उच्च स्‍तरीय अनुशासन और त्वरित प्रतिक्रियाएं चाहिएं।

 

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मोमेंटम ट्रेडिंग

हालिया मूल्य ट्रेंडों की मजबूती अनुसार इस स्‍ट्रेटजी में ट्रेडिंग होती है। उच्च वॉल्‍यूम से विपरीत दिशा में बढ़ने वाले एसेटों को ट्रेडर तलाशते हैं। ठोस ट्रेंडों को पहचानने और बाजार की अस्थिरता से फायदा उठाने के लिए मोमेंटम ट्रेडर प्राय: मोमेंटम इंडिकेटर और रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI) जैसे टूल उपयोग करते हैं। निश्चित बिंदु से पलटने से पहले ट्रेडर प्रभावी ऊपर की ओर गति वाली करेंसी युग्‍म खरीद सकता है।

 

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समाचार ट्रेडिंग

ब्याज दर निर्णय, बेरोजगारी दर डेटा और जीडीपी डेटा जैसी महत्वपूर्ण आर्थिक समाचार विज्ञप्ति के बाद, समाचार ट्रेडिंग बाजार की अस्थिरता से लाभ लेने का प्रयास करता है। ट्रेडर महत्वपूर्ण समाचार रिपोर्टों और घटनाओं के ठीक पहले या बाद में ट्रेडिंग करते हैं क्योंकि वे आर्थिक कैलेंडर फॉलो करते हैं। इस उम्मीद से विक्रेता ऐसा करेंसी युग्‍म खरीद सकता है कि इसका मूल्‍य बढ़ेगा, उदाहरण के लिए ब्याज दर में वृद्धि की घोषणा होना।

 

ग्रिड ट्रेडिंग

विभिन्न खरीद और बिक्री ऑर्डर विशिष्ट मूल्य के ऊपर और नीचे निर्धारित अंतरालों पर रखे जाने पर ऑर्डर का “ग्रिड” बनाया जाता है। इस पद्धति का लक्ष्य बाज़ार की दिशा से बचते हुए, बाज़ार अस्थिरता और मूल्य भिन्नता से लाभ लेना है। ट्रेडर मौजूदा कीमत से हर 10 पिप्स नीचे खरीदता है और प्रत्येक 10 पिप्स ऊपर खरीदता है, ज्‍यों-ज्‍यों दोनों के बीच कीमत बढ़ती है, आगे बढ़ता है।

 

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एल्गोरिथम ट्रेडिंग

आमतौर पर स्वचालित ट्रेडिंग के रूप में जानी जाने वाली एल्गोरिथम ट्रेडिंग में, पूर्व निर्धारित नियमों और एल्गोरिदम अनुसार ट्रांजेक्‍शन निष्पादित करने के लिए कंप्यूटर प्रोग्राम का उपयोग होता है। उत्पादकता और सटीकता के संबंध में, ये एल्गोरिदम बड़ी वॉल्‍यूम में डेटा प्रोसेस और ट्रेडों को तेज़ी से निष्पादित करने में मानव ट्रेडरों से आगे निकलते हैं। इस उदाहरण में ऐसी प्रणाली है, जो ट्रेडर की भागीदारी कम करने के लिए, विशेष तकनीकी ट्रेड देखे जाने पर तुरंत करेंसी युग्‍म खरीद लेती है।

 

फॉरेक्‍स बाजार में सफलता के लिए, आपको अपने लिए उपयुक्‍त सर्वोत्तम फॉरेक्‍स ट्रेडिंग स्‍ट्रेटजी लागू करनी चाहिए। उतार-चढ़ाव भरे करेंसी बाज़ारों से निपटने के लिए ठीक से विकसित फॉरेक्‍स ट्रेडिंग स्‍ट्रेटजी आवश्यक है, जिससे ट्रेडर संभावित अवार्डों को अधिकतम करते हुए जोखिमों को मैनेज कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, करेंसी युग्‍म खरीदने और बेचने संबंधी जानकारी भी ट्रेडर को प्रदान करता है।

 

  1. अपने लिए उपयुक्‍त सर्वोत्तम फॉरेक्‍स ट्रेडिंग स्‍ट्रेटजी कैसे चुनें

सर्वोत्तम फॉरेक्‍स ट्रेडिंग स्‍ट्रेटजी चुनते समय आपको अनेक कारकों पर विचार करना चाहिए जो आपके निवेश लक्ष्यों, जोखिम सहनशीलता और जीवनशैली के अनुरूप सुनिश्चित हो। पूरा विवरण इस प्रकार है:

 

अपने बाज़ार ज्ञान का मूल्यांकन करें

कौन सी ट्रेडिंग फॉरेक्स स्‍ट्रेटजियां उपयोग करनी हैं, यह तय करने में बाजार की समझ चाहिए। बुनियादी फॉरेक्‍स ट्रेडिंग विधियों के ट्रेंड फॉलो करने और समग्र बाजार दिशा में अक्‍सर नौसिखिए सफल रहते हैं। समझने और उपयोग करने में ये फॉरेक्‍स ट्रेडिंग स्‍ट्रेटजियां काफी आसान हैं। दूसरी ओर, अनुभवी निवेशक कम्प्यूटेशनल ट्रेडिंग जैसे अधिक जटिल तरीके अपनाते हैं, जो उन्नत एल्गोरिदम आधारित ट्रेडों को निष्पादित करने के लिए कंप्यूटर प्रोग्राम उपयोग कर बड़ी वॉल्‍यूम में डेटा जल्द प्रोसेस कर सकता है।

निरंतर सीखने और अनुभव से अधिक उन्नत ट्रेडिंग स्‍ट्रेटजियां विकसित करने और लागू करने में ट्रेडरों को सहायता मिलेगी।

 

अपनी जोखिम सहनशीलता का मूल्‍यांकन करें

स्वीकार करने को तैयार ट्रेडर की जोखिम सहनशीलता से जोखिम की मात्रा निर्धारित होती है। विभिन्न फॉरेक्‍स ट्रेडिंग स्‍ट्रेटजियों में जोखिम के अलग-अलग लेवल होते हैं। उदाहरण के लिए, स्कैल्पिंग जैसी उच्च जोखिम की फॉरेक्‍स ट्रेडिंग तकनीकें, अपेक्षाकृत कम समय में किए गए अनेक छोटे ट्रांजेक्‍शनों से पर्याप्त नुकसान के जोखिम से महत्वपूर्ण लाभ कमा सकती हैं। कम जोखिम के लिए, पोजीशन ट्रेडिंग पर विचार करें, जिसमें छोटी, अधिक सिलसिलेवार आय के लिए विस्तारित अवधि तक पोजीशनें रखना शामिल है। अपनी जोखिम सहनशीलता जानने से आप ऐसा कार्यक्रम चुन सकेंगे जो आपके आरामदायक लेवल और वित्तीय लक्ष्यों के सर्वाधिक उपयुक्त हो।

 

अपने समय की उपलब्धता पर गौर करें

डे ट्रेडिंग और स्‍केल्पिंग के लिए निरंतर बाज़ार मॉनिटरिंग और त्वरित निर्णय चाहिए, जिसमें समय और प्रयास हों। ऐसे ट्रेडरों के लिए ये स्‍ट्रेटजियां उपयुक्त हैं जो ट्रेडिंग में नियमित तौर पर काफी समय बिताते हैं। दूसरी ओर, स्विंग और पोजीशन ट्रेडिंग काफी बहुमुखी हैं क्योंकि इनमें विस्तारित अवधि, सप्ताह या महीनों की पोजीशन की कम मॉनिटरिंग चाहिए। ऐसे ट्रेडरों के लिए ये विधियां आदर्श हैं जिन्‍हें पूरा दिन बाजार देखने का समय न होने पर सटीक ट्रेडिंग निर्णय पसंद हैं।

 

डेमो अकाउंट में विभिन्न स्‍ट्रेटजियां टेस्‍ट करें

वास्तविक फंड निवेश करने से पहले; डेमो अकाउंट पर अनेक फॉरेक्‍स ट्रेडिंग स्‍ट्रेटजियां जांचना समझदारी है। इस अभ्यास से बिना वित्‍तीय जोखिम, ट्रेडरों को प्रत्येक स्‍ट्रेटजी के प्रदर्शन का अनुभव मिलता है। इससे समझ सकते हैं कि विभिन्न फॉरेक्‍स स्‍ट्रेटजियां अपनी बारीकियों और प्रभावशीलता के साथ एक ट्रेडिंग स्‍ट्रेटजी में कैसे समा सकती है। डेमो अकाउंट में, ट्रेडर अपनी रुचियों और कौशल से अन्य फॉरेक्‍स ट्रेडिंग स्‍ट्रेटजियां प्रयोग कर सकते हैं।

 

स्‍ट्रेटजी को अपने व्यक्तित्व के अनुकूल बनाएं

ट्रेडिंग स्‍ट्रेटजी की प्रभावशीलता काफी हद तक ट्रेडर के व्यक्तित्व पर निर्भर करती है। उदाहरण के लिए, यदि कोई ट्रेडर तेज़-तर्रार वातावरण से आनंदित होता है मगर तनाव में पनपता है, तो स्केलिंग सबसे अच्छा विकल्प होगा क्योंकि इसके लिए त्वरित विचार और निष्पादन चाहिए। ट्रेडर के दृढ़ रहने और अधिक सुविचारित, धीमी स्‍ट्रेटजी पसंद करने पर पोजीशन ट्रेडिंग अधिक उपयुक्त होगी। पोजीशन ट्रेडिंग में कम निर्णय चाहिए जो कम तनावपूर्ण होते हैं और व्यक्तिगत ट्रेडर के स्वभाव के लिए अधिक उपयुक्त होते हैं। याद रहे किसी के स्वभाव और ट्रेडिंग विकल्पों के अनुसार, किसी एक की सबसे अच्छी फॉरेक्‍स ट्रेडिंग स्‍ट्रेटजी दूसरे के लिए काम नहीं कर सकती।

 

अपनी स्‍ट्रेटजी अपनाएं और परिष्कृत करें

फॉरेक्‍स बाजार लगातार बदल रहा है और सक्रिय है। इसलिए, अपनी ट्रेडिंग विधि एडजस्‍ट करने के लिए लचीलापन और इच्छाशक्ति महत्वपूर्ण है। प्रभावशीलता और बाजार स्थितियों और ट्रेडिंग अनुभवों पर प्रतिक्रिया के लिए समय-समय पर आप अपनी ट्रेडिंग स्‍ट्रेटजियों का मूल्यांकन और मॉनिटर कर सकते हैं। ट्रेडिंग डायरी रखने से इस बारे में सूचित निर्णय लेने में आपको मदद मिलेगी कि क्या काम किया जा सकता है और क्या नहीं।

इन कारकों पर विचार कर, आप ऐसी फॉरेक्‍स ट्रेडिंग स्‍ट्रेटजी चुन सकते हैं जो आपकी स्थिति के लिए बेहतर काम करे और ट्रेडिंग सफलता की संभावनाएं बढ़ाए।

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  1. ATFX क्यों चुनें?

ATFX आपकी ज़रूरतें पूरी करने के लिए डेमो अकाउंट और लाइव अकाउंट दोनों ऑफर करता है। वास्तविक दुनिया में प्रवेश करने और आय होने से पहले ट्रेडर के रूप में, आप हमारे डेमो अकाउंटों से अपनी फॉरेक्‍स ट्रेडिंग स्‍ट्रेटजियों को जोखिम-मुक्त टेस्‍ट कर सकते हैं। अपनी ट्रेडिंग यात्रा शुरू करने और ATFX से आपने जो सीखा अब उसे लागू करने का समय है! वास्तविक बाजार सफलता के लिए ट्रेडर के रूप में, आप फॉरेक्‍स ट्रेडिंग स्‍ट्रेटजियों का अपना ज्ञान में सुधार के लिए ATFX उपयोग कर सकते हैं।

इसके अलावा, ATFX कम स्प्रेड पर फॉरेक्‍स और ETF, शेयर, इंडीसीज और कमोडिटीज ट्रेडिंग करने देता है! मेटाट्रेडर 4 (MT4) एवं मेटाट्रेडर 5 (MT5) लोकप्रिय ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म हैं। ATFX बाजार के कुछ सर्वाधिक प्रतिस्पर्धी स्प्रेड और बिजली की तेजी से निष्पादन ऑफर करता है, जिससे ट्रेडर अपने मेटाट्रेडर 4 और मेटाट्रेडर 5 अनुभव को अधिकतम कर सकते हैं।

मेटाट्रेडर 4 (MT4) क्या है एवं 10 आसान चरणों में इसका कैसे उपयोग करें, इसे जानें।

 

  1. ATFX से लाइव ट्रेडिंग अकाउंट ओपन कर ट्रेडिंग कैसे शुरू करें

चरण 1: अपना अकाउंट ओपन करें

लाइव ट्रेडिंग अकाउंट एप्‍लीकेशन फॉर्म पूरा करें। पहचान सत्यापन पूरा होने पर, अकाउंट सेट अप कर दिया जाएगा।

 

चरण 2: अपने अकाउंट में फंड डालें

ट्रेडिंग शुरू करने के लिए क्रेडिट कार्ड, ई-वॉलेट या बैंक ट्रांसफर से फंड डिपॉजिट करें।

 

चरण 3: ट्रेडिंग शुरू करें

पीसी, एंड्रॉइड, आईपैड, आईफोन या वेब ब्राउज़र सहित हर डिवाइस पर अब आप ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं।

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