फंडामेंटल विश्लेषण बनाम टेक्‍नीकल विश्लेषण: इनमें क्या अंतर है?

विषयसूची:

  1. फंडामेंटल विश्लेषण क्या है?
  2. टेक्‍नीकल विश्लेषण क्या है?
  3. फंडामेंटल और टेक्‍नीकल विश्लेषण में मुख्य अंतर
  4. फंडामेंटल और टेक्‍नीकल विश्लेषण के फायदे एवं नुकसान
  5. फंडामेंटल विश्लेषण या टेक्‍नीकल विश्लेषण में क्‍या बेहतर है?
  6. फंडामेंटल और टेक्‍नीकल विश्लेषण का संयोजन: हम इसे कैसे करते हैं?
  7. फंडामेंटल और टेक्‍नीकल विश्लेषण से ट्रेड कैसे करें?
  8. ATFX से अपनी सीख को अभ्यास में लाएं

 

वित्तीय बाज़ारों में सूचित निर्णय लेने के लिए निवेश विश्लेषण महत्वपूर्ण है। फंडामेंटल विश्लेषण और टेक्‍नीकल विश्लेषण दो सर्वाधिक लोकप्रिय दृष्टिकोणों में हैं। हालाँकि विभिन्न तरीकों और डेटा पर भरोसा कर दोनों का लक्ष्य निवेश के अवसरों की जानकारी देना है। फंडामेंटल विश्लेषण बनाम टेक्‍नीकल विश्लेषण समझना और इन्‍हें उपयोग करना महत्वपूर्ण है।

 

  1. फंडामेंटल विश्लेषण क्या है?

सुरक्षा के आंतरिक मूल्य के मूल्यांकन हेतु फंडामेंटल विश्लेषण (FA) निवेशकों और ट्रेडरों द्वारा उपयोग की जाने वाली विधि है। इसमें कंपनी के वित्तीय विवरण, इंडस्‍ट्री ट्रेंड और आर्थिक कारकों का अध्ययन शामिल है ताकि यह निर्धारित हो सके कि स्टॉक ओवरवैल्यूड है या अंडरवैल्यूड। विश्लेषण का उद्देश्य कंपनी के वित्तीय स्थिति और विकास क्षमता का आकलन कर निवेश के अवसर उजागर करना है।

उदाहरण के लिए, Apple Inc. पर विचार करें। फंडामेंटल विश्लेषण का उपयोग करने वाला निवेशक एप्पल के वित्तीय विवरणों, जैसे आय विवरण, बैलेंस शीट और नकदी प्रवाह विवरण जांचेगा। वे राजस्व वृद्धि, लाभ मार्जिन और ऋण लेवल जैसे प्रमुख मैट्रिक्स का विश्लेषण करेंगे। इसके अतिरिक्त, वे व्यापक इंडस्‍ट्री ट्रेंडों, जैसे स्मार्टफोन की मांग और ग्‍लोबल सप्‍लाई श्रृंखला व्यवधान जैसे आर्थिक कारकों का मूल्यांकन करेंगे। एप्पल की संभावनाओं का निर्णय लेने में यह जानकारी निवेशकों की मदद करती है।

 

  1. टेक्‍नीकल विश्लेषण क्या है?

टेक्‍नीकल विश्लेषण ऐतिहासिक मूल्य पैटर्न और ट्रेडिंग वॉल्यूम के आधार पर प्रतिभूतियों का मूल्यांकन करने की विधि है। यह भविष्य के मूल्य उतार-चढ़ावों की भविष्यवाणी करने के लिए चार्ट पैटर्न, टेक्‍नीकल इंडीकेटर और सांख्यिकीय उपायों पर निर्भर करता है।

उदाहरण के लिए, टेस्ला इंक का विश्लेषण करने वाला ट्रेडर। स्टॉक ट्रेंडों और महत्वपूर्ण लेवलों की पहचान के लिए टेक्‍नीकल विश्लेषण उपयोग कर सकता है। वे स्टॉक के मूल्य चार्ट देखेंगे और भविष्य के मूल्य उतार-चढ़ावों की भविष्यवाणी करने के लिए मूविंग एवरेज, रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI), या MACD जैसे इंडीकेटर लागू करेंगे। उदाहरण के लिए, सिग्नल लाइन पर MACD लाइन का तेजी से क्रॉसओवर खरीद का सिग्‍नल दे सकता है।

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  1. फंडामेंटल और टेक्‍नीकल विश्लेषण में मुख्य अंतर

फंडामेंटल विश्लेषण बनाम टेक्‍नीकल विश्लेषण को बेहतर समझने के लिए, आइए फंडामेंटल विश्लेषण और टेक्‍नीकल विश्लेषण के मुख्य अंतर देखें।

 

तुलना कारक

फंडामेंटल विश्लेषण

टेक्‍नीकल विश्लेषण

उद्देश्य

वित्तीय विवरण, आर्थिक डेटा और इंडस्‍ट्री के ट्रेंडों के विश्लेषण से दीर्घकालिक निवेश की सुरक्षा के आंतरिक मूल्य और वित्तीय स्वास्थ्य निर्धारित करना।

मूल्य, वॉल्यूम डेटा और टेक्‍नीकल इंडीकेटरों के विश्लेषण से बाजार के ट्रेंड, इष्टतम ट्रेड अवसरों और ट्रेड प्रवेश/निकास बिंदुओं को पहचानें।

प्रयुक्त डेटा

वित्तीय विवरण, वित्तीय अनुपात, व्यापक आर्थिक डेटा, आदि।

चार्ट पैटर्न, ट्रेंड इंडीकेटर, गति इंडीकेटर, आदि।

समय सीमा

दीर्घकालिक

अल्पकालिक

ट्रेडर के प्रकार

निवेशक और मूल्य ट्रेडर

डे ट्रेडर, स्विंग ट्रेडर और टेक्‍नीकल निवेशक

 

  1. उद्देश्य

फंडामेंटल विश्लेषण बनाम टेक्‍नीकल विश्लेषण का उद्देश्य विभिन्न उद्देश्यों की प्राप्ति है। फंडामेंटल विश्लेषण का मुख्य उद्देश्य वित्तीय स्वास्थ्य, बिजनेस मॉडल, इंडस्‍ट्री की स्थिति और आर्थिक कारकों के आधार पर स्टॉक का आंतरिक मूल्य निर्धारण है। इस विश्लेषण का उद्देश्य दीर्घकालिक निवेश अवसरों पर ध्यान देते हुए यह निर्धारित करना है कि किसी स्टॉक के मौजूदा बाजार मूल्य के मुकाबले उसका मूल्य कम है या अधिक। इसके विपरीत, टेक्‍नीकल विश्लेषण पिछले बाजार डेटा, मुख्य रूप से कीमत और मात्रा के अध्ययन से स्टॉक की कीमतों की दिशा की भविष्यवाणी करने पर केंद्रित है। टेक्‍नीकल विश्लेषक ऐसे पैटर्न और इंडीकेटर तलाशते हैं जो स्टॉक की कीमतों की भविष्य की गतिविधि का सिग्‍नल देते हैं, जिससे कंपनी के मूलभूत सिद्धांतों के मूल्यांकन के मुकाबले बाजार के समय के बारे में यह अधिक हो जाता है।

 

  1. प्रयुक्त डेटा

फंडामेंटल और टेक्‍नीकल विश्लेषण में एक और अंतर यह है कि फंडामेंटल विश्लेषण का उपयोग करने वाले विश्‍लेषक, वित्तीय विवरण, कमाई रिपोर्ट, बाजार हिस्सेदारी डेटा, इंडस्‍ट्री विश्लेषण और आर्थिक इंडीकेटर (जैसे जीडीपी विकास दर, मुद्रास्फीति दर, आदि) पर भरोसा करते हैं। यह पद्धति मैनेजमेंट गुणवत्ता, ब्रांड निष्ठा और प्रतिस्पर्धी लाभ जैसे गुणात्मक कारकों पर भी विचार करती है। इसके अलावा, टेक्‍नीकल विश्लेषण मूल्य चार्ट, ऐतिहासिक मूल्य डेटा और वॉल्यूम उपयोग करता है। यह मूविंग एवरेज, RSI (रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स), और MACD (मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डाइवर्जेंस) जैसे सांख्यिकीय विश्लेषणात्मक टूल भी इस्‍तेमाल करता है। टेक्‍नीकल विश्लेषक अक्सर भविष्य की कीमतों में उतार-चढ़ाव का पूर्वानुमान लगाने के लिए पैटर्न पहचान का उपयोग करते हैं।

 

  1. समय सीमा

फंडामेंटल और टेक्‍नीकल विश्लेषण में समय सीमा के संबंध में, फंडामेंटल विश्लेषण का उपयोग आमतौर पर दीर्घकालिक निवेश परिप्रेक्ष्य में होता है। इस दृष्टिकोण का उपयोग करने वाले निवेशक आमतौर पर अनेक वर्षों तक स्टॉक बनाए रखना चाहते हैं। इसके विपरीत, टेक्‍नीकल विश्लेषण अल्पकालिक ट्रेड के लिए अधिक उपयुक्त है। इसका उपयोग अक्सर डे ट्रेडरों, स्विंग ट्रेडरों या ऐसे लोगों द्वारा होता है जिनकी कुछ मिनटों से लेकर हफ्तों तक चलने वाले त्वरित बाजार उतार-चढ़ावों से लाभ लेने में रूचि होती है।

 

  1. ट्रेडर का प्रकार

प्रत्येक प्रकार के ट्रेडर की विशिष्ट प्राथमिकताएँ होती हैं और वे अपनी विशिष्ट ट्रेडिंग स्‍ट्रेटजी के आधार पर या तो फंडामेंटल विश्लेषण या टेक्‍नीकल विश्लेषण चुनेंगे। फंडामेंटल विश्लेषण उन निवेशकों और मूल्य ट्रेडरों से अपील करता है जो स्टॉक मूल्यों के आकलन हेतु वित्तीय डेटा और आर्थिक इंडीकेटरों में गहराई से गोता लगाने को तैयार हैं। यह उनके लिए उपयुक्त है जिनकी दीर्घकालिक लाभ की आशा में अल्पकालिक अस्थिरता के प्रति अधिक सहनशीलता है। इसके विपरीत, टेक्‍नीकल विश्लेषण बाजार के ट्रेंड और गति का लाभ उठाने वाले ट्रेडरों को आकर्षित करता है। ये निवेशक कंपनी की वित्तीय स्थिति के बारे में कम चिंतित हो सकते हैं और ट्रेडिंग वॉल्यूम और मूल्य उतार-चढ़ावों में अधिक रुचि रखते हैं।

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  1. फंडामेंटल और टेक्‍नीकल विश्लेषण के फायदे एवं नुकसान

नीचे दी गई तालिका फंडामेंटल विश्लेषण के फायदे और नुकसान दर्शाती है:

फायदे

नुकसान

  • दीर्घकालिक विकास की ठोस बुनियादी सिद्धांतों की कंपनियां पहचानने में मदद करता है, जिससे निवेशक आंतरिक मूल्य के आधार पर सूचित निवेश निर्णय ले सकते हैं।

  • आंतरिक मूल्य गणना के आधार पर कम मूल्य या अधिक मूल्य के स्टॉक खोजने में सहायता करता है।

  • बिजनेस मॉडल, प्रतिस्पर्धी लाभ और बाजार स्थिति के आधार पर भविष्य के विकास की क्षमता का मूल्यांकन करता है।

  • कंपनी की वित्तीय स्थिति का विश्लेषण कर, आंतरिक रूप से मजबूत बिजनेस में निवेश कर जोखिम कम करता है।

  • इसके लिए वित्तीय विवरणों, आर्थिक इंडीकेटरों और इंडस्‍ट्री के ट्रेंडों का गहन विश्लेषण चाहिए, जिसमें समय लग सकता है।

  • भविष्य के विकास की धारणाओं पर निर्भर करता है, जो अत्यधिक व्यक्तिपरक होकर गलत निष्कर्ष निकाल सकता है।

  • राजनीतिक घटनाएं, आर्थिक नीतियां और अप्रत्याशित समाचार स्टॉक कीमतों पर भारी प्रभाव डाल सकते हैं, जिससे विश्लेषण कम पूर्वानुमानित हो जाता है।

  • वित्त, अर्थशास्त्र और लेखांकन सिद्धांतों की विस्तृत समझ चाहिए।

 

नीचे दी गई तालिका टेक्‍नीकल विश्लेषण के फायदे और नुकसान दर्शाती है:

फायदे

नुकसान

  • पैटर्न पहचान और ट्रेंड विश्लेषण के माध्यम से अल्पकालिक ट्रेड के अवसरों की पहचान करने के लिए प्रभावी।

  • चार्ट, ट्रेंड और टेक्‍नीकल इंडीकेटरों के उपयोग से इष्टतम प्रवेश और निकास बिंदुओं में अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।

  • ऐतिहासिक मूल्य और मात्रा डेटा पर निर्भर है, जो अधिक व्यवस्थित और कम व्यक्तिपरक दृष्टिकोण प्रदान करता है।

  • चार्ट और टेक्‍नीकल इंडीकेटर फंडामेंटल विश्लेषण के मुकाबले तेजी से निर्णय लेने की सुविधा देते हैं।

  • बाजार के शोर के प्रति अत्यधिक संवेदनशील, जिससे गलत सिग्‍नल मिलते हैं, खासकर कम लिक्विडिटी के बाजारों में।

  • माना जाता है कि ऐतिहासिक मूल्य पैटर्न दोहराया जाएगा, जो सदा सटीक नहीं होता।

  • मुख्यतया अल्पकालिक मूल्य उतार-चढ़ावों पर ध्यान केंद्रित कर दीर्घकालिक निवेश के अवसर नजरअंदाज कर सकता है।

  • बार-बार खरीदने/बेचने के सिग्‍नलों से भावनात्मक ट्रेड व्यवहार को बढ़ावा मिल सकता है।

 

  1. फंडामेंटल विश्लेषण या टेक्‍नीकल विश्लेषण में क्‍या बेहतर है?

फंडामेंटल विश्लेषण या टेक्‍नीकल विश्लेषण में क्‍या “बेहतर” है, यह तो ऐसा प्रश्‍न हुआ कि हथौड़ा या पेचकस में क्‍या बेहतर टूल है: यह उस काम पर निर्भर करता है जो हमारे सामने है। दोनों विधियों की अपनी ताकत और व्‍याहारिक्‍ता है और आपके निवेश लक्ष्य, समयरेखा और बाजार विश्लेषण तकनीकों से सुविधा उनके बीच चुनने का मार्गदर्शन करेगा।

फंडामेंटल विश्लेषण आमतौर पर ऐसे निवेशक पसंद करते हैं जिन्‍हें गुणवत्ता वाले शेयरों का पोर्टफोलियो बनाकर वे विस्तारित अवधि में रखना चाहते हों। यह पद्धति इस विचार पर आधारित है कि शेयर बाजार में अल्पावधि में किसी कंपनी की गलत कीमत लग सकती है, लेकिन कंपनी का वास्तविक मूल्य दीर्घावधि अवधि में स्टॉक की कीमत में दिखाई देगा। वॉरेन बफेट जैसे निवेशकों ने मजबूत बुनियादी सिद्धांतों और ठोस बिजनेस मॉडल की कंपनियों पर ध्यान देते हुए यह स्‍ट्रेटजी सफलतापूर्वक नियोजित की, जिनमें वर्षों या दशकों तक स्थिर विकास का वादा है।

दूसरी ओर, आमतौर पर टेक्‍नीकल विश्लेषण ऐसे ट्रेडरों और अल्पकालिक निवेशकों की पसंद है जिन्‍हें बाजार की अस्थिरता से लाभ कमाना हो। इस दृष्टिकोण का संबंध कंपनी के मूल्य से नहीं, बल्कि स्टॉक की कीमतों के पैटर्न और ट्रेंड से संबंधित है। चार्ट पैटर्न, बाजार ट्रेंड और अन्य सांख्यिकीय इंडीकेटरों द्वारा संचालित अल्पकालिक मूल्य उतार-चढ़ावों की भविष्यवाणियों अनुसार टेक्‍नीकल विश्लेषक ट्रेड करते हैं।

फंडामेंटल और टेक्‍नीकल विश्लेषण हालांकि भिन्‍न-भिन्‍न हैं, मगर दोनों की अंतर्दृष्टि मूल्यवान है। फंडामेंटल विश्लेषण बनाम टेक्‍नीकल विश्लेषण में से चुनना निवेशक के लक्ष्य, जोखिम सहनशीलता और निवेश की समय सीमा पर निर्भर है।

 

  1. फंडामेंटल और टेक्‍नीकल विश्लेषण का संयोजन: हम इसे कैसे करते हैं?

फंडामेंटल विश्लेषण या टेक्‍नीकल विश्लेषण इनमें से अधिक प्रभावी होने का निर्धारण करते समय, ट्रेडर दोनों दृष्टिकोणों को एकीकृत कर सकते हैं। निवेश और ट्रेड का व्यापक दृष्टिकोण पाने के लिए फंडामेंटल विश्लेषण और टेक्‍नीकल विश्लेषण मिलाए जा सकते हैं, ताकि बेहतर जानकारी के निर्णय के लिए दोनों तरीकों की ताकत का लाभ उठाया जा सके। मजबूत संभावनाएं, बेहतर मैनेजमेंट और ठोस वित्तीय स्थिति वाली कंपनियां- इनमें यह क्या खरीदना है इसके निर्धारण में फंडामेंटल विश्लेषण मदद करता है। कब खरीदना है, मूल्य उतार-चढ़ावों और ट्रेंडों के आधार पर बाजार में प्रवेश और बाहर निकलने का आदर्श समय – इसके निर्धारण में टेक्‍नीकल विश्लेषण मदद करता है। उदाहरण के लिए, स्टॉक मूल्य ट्रेंडों के आधार पर निवेशक अनिवार्य रूप से कम मूल्य के स्टॉक चुनने के लिए फंडामेंटल विश्लेषण और सर्वोत्तम प्रवेश और निकास बिंदु निर्धारण के लिए टेक्‍नीकल विश्लेषण उपयोग कर सकते हैं।

 

  1. फंडामेंटल विश्लेषण पर आधारित

मजबूत वित्तीय स्थिति और विकास क्षमता की कंपनियां पहचानने के लिए फंडामेंटल विश्लेषण के उपयोग से शुरु करें। दीर्घकालिक सफलता के लिए तैयार कम मूल्य के बिजनेस खोजने के लिए आय वृद्धि और लाभ मार्जिन जैसे मेट्रिक्स आकलन करें।

 

  1. टेक्‍नीकल विश्लेषण से समय में सुधार करें

स्वाभाविक रूप से मजबूत कंपनियों के शेयर खरीदने और बेचने का सर्वोत्तम समय निर्धारित करने के लिए टेक्‍नीकल विश्लेषण उपयोग करें। ट्रेंडों और पैटर्न पहचानने के लिए स्टॉक मूल्य उतार-चढ़ावों और ट्रेडिंग वॉल्यूम का विश्लेषण करें जिनमें खरीदने या बेचने के इष्टतम क्षण सुझाए जाते हैं।

 

  1. निगमित बाजार भावना

व्यापक बाजार भावना आकलन के लिए टेक्‍नीकल विश्लेषण का फायदा उठाएं। इससे आपको यह जानने में मदद मिलती है कि संभावित अल्पकालिक मूल्य उतार-चढ़ावों और अस्थिरता में अंतर्दृष्टि से अन्य बाज़ार सहभागी कैसी प्रतिक्रिया कर रहे हैं।

 

  1. जोखिम को गतिशील रूप से मैनेज करें

सटीक स्टॉप-लॉस ऑर्डर सेट करने और सही लाभ लेने के बिंदु स्थिर करने के लिए टेक्‍नीकल टूल इस्‍तेमाल करें। इससे प्रत्येक निवेश से जुड़े जोखिम मैनेज करने, नुकसान कम करने और लाभ के बचाव में मदद मिलती है।

 

  1. लगातार अनुकूलन और मॉनिटर करें

कंपनी के मुख्य आर्थिक इंडीकेटरों और बाजार प्रदर्शन को लगातार मॉनिटर कर लचीला दृष्टिकोण बनाए रखें। इसकी निरंतर प्रासंगिकता और प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए नए आर्थिक डेटा, कंपनी के प्रदर्शन अपडेट और बदलते बाज़ार ट्रेंडों के आधार पर स्‍ट्रेटजी एडजस्‍ट करें।

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  1. फंडामेंटल और टेक्‍नीकल विश्लेषण से ट्रेड कैसे करें?

  1. फंडामेंटल विश्लेषण और टेक्‍नीकल विश्लेषण, दोनों समझना

शेयर बाज़ार में प्रभावी ट्रेडिंग में अक्सर फंडामेंटल और टेक्‍नीकल विश्लेषण के उपयोग से सूचित निर्णय लिए जा सकते हैं। कब और क्या ट्रेड करना है ट्रेडरों को यह जानने में प्रत्येक विधि मदद की अनूठी अंतर्दृष्टि ऑफर करती है। फंडामेंटल और टेक्‍नीकल विश्लेषण के उपयोग से अपनी ट्रेडिंग स्‍ट्रेटजी बढ़ाने के लिए यहां एक मार्गदर्शिका दी गई है।

 

  1. फंडामेंटल विश्लेषण से आधार

प्रति शेयर आय (EPS), ऋण-से-इक्विटी अनुपात और मूल्य-से-आय अनुपात (P/E) जैसे मैट्रिक्स के उपयोग से कंपनी के वित्तीय स्थिति के मूल्यांकन से शुरु करें। इसके अलावा, व्यापक आर्थिक और क्षेत्र-विशिष्ट ट्रेंडों का विश्लेषण कर मैनेजमेंट की गुणवत्ता और कंपनी की प्रतिस्पर्धी स्थिति का आकलन करें।

 

  1. टेक्‍नीकल विश्लेषण से समय में सुधार करें

मूविंग एवरेज, RSI और MACD जैसे इंडीकेटर लागू कर स्टॉक मूल्य उतार-चढ़ावों और पैटर्न के अध्ययन के लिए टेक्‍नीकल टूल उपयोग करें। इनसे इष्टतम ट्रेडिंग पॉइंट निर्धारित करने और बाज़ार की भावना समझने में आपको मदद मिलेगी। अंत में, जहां स्टॉक ने ऐतिहासिक प्रतिक्रिया की हो, महत्वपूर्ण सपोर्ट और प्रतिरोध लेवलों को पहचान कर प्रवेश और निकास बिंदु निर्धारित करें।

 

  1. ट्रेड निष्पादित और मैनेज करें

स्टॉक चुनने और प्रवेश और निकास बिंदुओं पर निर्णय के लिए फंडामेंटल विश्लेषण और टेक्‍नीकल विश्लेषण दोनों से अंतर्दृष्टि मिलाएं। टेक्‍नीकल इंडीकेटरों और आवश्यक परिवर्तनों के आधार पर अपने ट्रेडों को नियमित रूप से एडजस्‍ट करें।

 

  1. सतत सीखना और अनुकूलन

वित्तीय समाचारों और आर्थिक इंडीकेटरों से अपडेट रहें और बाज़ार स्थितियों के आधार पर स्‍ट्रेटजियां एडजस्‍ट करें। बैकटेस्ट कर अपनी स्‍ट्रेटजियां लगातार सुधारें।

 

  1. विविध पोर्टफ़ोलियो

विविध पोर्टफोलियो बनाएं, भावनात्मक निर्णयों से बचाव के लिए अपनी ट्रेडिंग योजनाओं का कठोरता से पालन कर बाजार में बदलाव से तालमेल बैठाने के लिए शिक्षा के लिए निरंतर प्रतिबद्ध रहें।

 

फंडामेंटल और टेक्‍नीकल विश्लेषण, दोनों के उपयोग से ट्रेडिंग करने से आप प्रत्येक पद्धति की ताकत का फायदा उठा सकते हैं। जबकि फंडामेंटल विश्लेषण आपको निवेश की गुणवत्ता में विश्वास दिलाता है, टेक्‍नीकल विश्लेषण बाजार को प्रभावी ढंग से समयबद्ध करने की आपकी क्षमता बढ़ा सकता है। आपकी ट्रेड गतिविधियों में यह संयुक्त दृष्टिकोण अधिक सूचित निर्णय लेने, उच्च रिटर्न और बेहडेमो अकाउंटतर जोखिम मैनेजमेंट ला सकता है।

 

  1. ATFX से अपनी सीख को अभ्यास में लाएं

फंडामेंटल विश्लेषण और टेक्‍नीकल विश्लेषण में अंतर सीखने के बाद, वास्तविक परिदृश्यों से अपना ज्ञान परखने और सत्यापन का समय है। ATFX लाइव अकाउंट के उपयोग से फंडामेंटल और टेक्‍नीकल विश्लेषण ज्ञान प्राप्त करने पर अनुभवी ट्रेडर लाइव बाजार में ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं। अनुभवहीन ट्रेडरों या वित्तीय बाज़ारों में नौसिखियों के लिए डेमो अकाउंट सही विकल्प है। डेमो अकाउंट $50,000 वर्चुअल फंड से वास्तविक बाजार स्थितियों के अनुरूप है ताकि आप अपनी वास्तविक पूंजी जोखिम में डाले बिना प्लेटफॉर्म, बाजार और ट्रेडिंग स्‍ट्रेटजियों से परिचित हो सकें। अभी अपने डेमो अकाउंट के लिए फ्री साइन अप करें!

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