ट्रंप की आर्थिक नीतियाँ: स्टॉक और फ़ॉरेक्स बाजारों पर प्रभाव
डोनाल्ड ट्रंप के 2024 का अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीतने पर, वित्तीय बाजारों में पहले से ही काफी हलचलें देखी जा रही हैं, क्योंकि निवेशक और ट्रेडर 2016 में उनके पहले कार्यकाल के बाद उनके कार्यालय में लौटने के निहितार्थों का आकलन कर रहे हैं। उनकी जीत का सिग्नल बिजनेस समर्थक एजेंडे की वापसी की तरफ है, जिसमें विनियमन में ढील, टैक्स में कटौती और संरक्षणवादी ट्रेड नीतियों पर ध्यान दिया गया है।
ट्रंप की आर्थिक नीतियाँ प्रमुख वित्तीय बाजारों, विशेष रूप से फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग , यू.एस. स्टॉक, ग्लोबल इक्विटी और व्यापक आर्थिक दृष्टिकोण कैसे प्रभावित कर सकती हैं, इसे हम इस लेख में जांचेंगे।
फॉरेक्स बाज़ारों पर प्रभाव: ट्रंप की 2024 की जीत के बाद यू.एस. डॉलर में मजबूती आई
ट्रंप की 2024 की चुनावी जीत पर ग्लोबल बाज़ारों में यू.एस. डॉलर (USD) का महत्वपूर्ण ढंग से मज़बूत होना सर्वाधिक तात्कालिक प्रतिक्रियाओं में से एक रहा है।
ट्रंप के बिजनेस समर्थक एजेंडे की अपेक्षाएं, जिनमें टैक्स कटौती, विनियमन में ढील और यू.एस. आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए बनाई नीतियाँ इस उछाल का मुख्य कारण रही हैं।
निवेशकों का मानना है कि इन नीतियों से कॉर्पोरेट आय बढ़ेगी, आर्थिक गतिविधि और यू.एस. डॉलर की माँग में तेजी आएगी। परिणामस्वरूप, चीनी अपतटीय युआन (CNH), मैक्सिकन पेसो (MXN) और यूरो (EUR) सहित प्रमुख करेंसियों के मुक़ाबले USD में मज़बूती आई है, जो ट्रंप प्रशासन की नीतियों से यू.एस. आर्थिक प्रदर्शन का आशावाद दर्शाता है।
USD की मज़बूती
ट्रंप से मज़बूत यू.एस. अर्थव्यवस्था की अपेक्षाओं से, USD को फायदा होने की आशा है। निवेशकों का मानना है कि ट्रंप की ट्रेड और टैक्स नीतियों से यू.एस. कॉर्पोरेट आय में तेजी आएगी, जिससे डॉलर की माँग में बढ़ेगी।
आयात पर विशेषकर चीन से, टैरिफ लागू करने की योजना पर यदि ट्रंप अमल करते हैं, तो अमेरिकी डॉलर में और भी उछाल आ सकता है। इसीलिए, फॉरेक्स ट्रेडर विशेषकर CNY, MXN और EUR के मुकाबले मजबूत USD से फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं।
चीनी अपतटीय युआन CNH का दबाव
संभावित ट्रेड तनावों पर चिंताओं से चीनी अपतटीय युआन (USDCNH) कमजोर हुआ है। ट्रंप के पिछले प्रशासन ने चीन पर टैरिफ बढ़ाए थे और उनके फिर से चुनाव जीतने पर, चीनी सामान पर संभावित 60% टैरिफ के साथ और भी अधिक आक्रामक रुख अपनाए जाने की उम्मीद है।
इसके कारण, अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते ट्रेड संघर्ष तनावों से युआन में और अधिक कमजोरी पर दांव लगा रहे फॉरेक्स ट्रेडरों को USD/CNH युग्म में अवसर मिल सकते हैं।
प्रॉक्सी ट्रेड: AUD/USD और USD/CNY
USD/CNH: USD/CNH करेंसी युग्म, ट्रंप की ट्रेड नीतियों और चीन से चल रहे ट्रेड संघर्ष के जोखिमों को ध्यान में रखते हुए, USD की मजबूती देखने का सर्वाधिक प्रत्यक्ष प्रॉक्सी ट्रेड है। ट्रंप की टैरिफ स्ट्रेटजी और बचाववादी रुख की निरंतरता चीनी युआन (CNH) पर तेजी से नीचे की ओर दबाव डालते हुए अमेरिकी डॉलर (USD) की मांग को बढ़ावा दे सकती है। फॉरेक्स ट्रेडर अपने ट्रेड में USD/CNH का समर्थन करते हुए इन करेंसी गतिशीलताओं से फायदा उठाने की कोशिश कर सकते हैं।
AUD/USD: AUD/USD एक अन्य संभावित प्रॉक्सी ट्रेड है, जिसमें ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (AUD) अक्सर चीनी ऑफशोर युआन (CNH) के लिक्विड प्रॉक्सी का काम करता है। चीन को विशेषतया लौह अयस्क, कोयला और प्राकृतिक गैस जैसी वस्तुएं निर्यात करने पर ऑस्ट्रेलिया की भारी निर्भरता का मतलब है चीन के आर्थिक दृष्टिकोण में बदलाव से AUD भी काफी प्रभावित हो सकता है। चूंकि दोनों करेंसियां व्यापक ट्रेड परिस्थितियों और ग्लोबल कमोडिटी बाजारों से प्रभावित होती हैं इसलिए अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड तनाव बढ़ने पर, AUD अक्सर CNY से मिलकर प्रतिक्रिया करता है।
ट्रंप की आर्थिक नीतियों से यदि यू.एस.-चीन संबंधों में अस्थिरता बढ़ती है, तो AUD/USD युग्म में भी अस्थिरता बढ़ेगी। इसके अलावा, ट्रंप का प्रशासन यदि डोमेस्टिक एनर्जी प्रोडक्शन को बढ़ावा देने पर ध्यान देता है, तो ऑस्ट्रेलियाई डॉलर को ग्लोबल कमोडिटी कीमतें बढ़ने से फायदा हो सकता है, जो AUD/USD की ट्रेडिंग गतिशीलता बढ़ाने में अधिक प्रभावित करेगा।
शेयर बाजारों पर प्रभाव: ट्रंप के बिजनेस समर्थक एजेंडे से यू.एस. शेयरों में तेजी आई
बिजनेस समर्थक नीतियों पर आशावाद से प्रेरित ट्रंप की चुनावी जीत को ध्यान में रखते हुए, यू.एस. शेयरों में तेजी आई है। एनर्जी, टैक्नोलॉजी और वित्तीय जैसे प्रमुख सेक्टरों में काफी फायदा देखा जा सकता है। विनियमन में ढील, टैक्स कटौती और डोमेस्टिक एनर्जी प्रोडक्शन पर ध्यान देने से तेजी की इस भावना को काफी हद मजबूत बनाता है।
U.S. Equities Surge अमेरिकी इक्विटी में उछाल
ट्रंप की जीत ने S&P 500, डॉव जोन्स और नैस्डैक सहित अमेरिकी शेयर बाजारों में सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है, इंडीसीज नई ऊंचाइयों पर पहुंचे हैं। यह तेजी विशेषतौर पर, ट्रंप की नीतियों से लाभान्वित होने वाले सेक्टरों में देखने में आई है। इस बढ़त में एनर्जी स्टॉक (विशेषकर ऑयल और गैस) और टेक स्टॉक सबसे आगे रहे हैं, क्योंकि निवेशक इन इंडस्ट्रीज के लिए अनुकूल माहौल के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं।
एनर्जी सेक्टर में तेजी
अपने “ड्रिल, बेबी, ड्रिल” अभियान के नारे से ट्रंप ने ऑयल और प्राकृतिक गैस सहित जीवाश्म ईंधन को सपोर्ट किया, जिससे चुनाव के बाद एक्सॉनमोबिल और शेवरॉन जैसी कंपनियों में तेजी आई। एनर्जी कंपनियों के लिए डोमेस्टिक ऑयल और गैस प्रोडक्शन पर प्रतिबंध हटाने और पर्यावरण नियम वापस लेने के उनके प्रशासन के कदम ने अनुकूल माहौल बनाया। एनर्जी की आजादी और कम विनियामक बाधाओं पर ध्यान देने से, एनर्जी स्टॉक महत्वपूर्ण बढ़ौतरी, लाभप्रदता में वृद्धि और डोमेस्टिक संसाधनों तक एक्सेस का विस्तार करने को तैयार थे।
टेक सेक्टर में बढ़ौत्तरी
निवेशकों का अनुमान था कि व्हाइट हाउस में डोनाल्ड ट्रंप की संभावित वापसी से कंपनी को फायदा होगा इसलिए टेस्ला के शेयरों में उछाल आया। टेस्ला को बढ़त देने की उम्मीदों में छोटे ईवी निर्माताओं से कम प्रतिस्पर्धा और चीनी आयात पर उच्च टैरिफ शामिल हैं। विनियमन में ढील और टैक्स कटौती जैसी ट्रंप की बिजनेस समर्थक नीतियों को भी तकनीकी दिग्गजों के लिए अनुकूल माना जाता है, जो संभावित लाभप्रदता को बढ़ाती और नवाचार में पुनर्निवेश प्रोत्साहित करती हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों और नवीकरणीय एनर्जी संबंधी आसान नियमों से टेस्ला को विशेष रूप से फायदा हो सकता है।
वित्तीय सेक्टर में उछाल
ट्रंप की जीत के बाद बड़े बैंक शेयरों के व्यापक इंडीसीज सहित जेपी मॉर्गन चेस, गोल्डमैन सैक्स और बैंक ऑफ अमेरिका के शेयरों में उल्लेखनीय उछाल देखने में आया। क्षेत्रीय बैंकों ने भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई क्योंकि निवेशकों को वित्तीय सेक्टर के लिए अधिक अनुकूल विनियामक वातावरण की आशा थी। ट्रंप के विनियमन में ढील देने का रुख बड़े वित्तीय संस्थानों को बढ़ावे के रूप में देखा जाता है, क्योंकि विनियमन में ढील से बैंक अधिक जोखिम से उधार बढ़ाएंगे। इसके अलावा, टैक्स कटौती की आशा उच्च लाभप्रदता का दृष्टिकोण सपोर्ट करती है, जिससे ये बैंक अधिक प्रतिस्पर्धी और कुशल बनते हैं।
इंडीसीज पर प्रभाव: ग्लोबल इंडीसीज में यू.एस. का प्रदर्शन बेहतर रहा है
ग्लोबल वित्तीय बाजार प्रतिकूल परिस्थितियों से मुकाबला कर रहे हैं जबकि यू.एस. के स्टॉक ट्रंप की जीत पर तेजी से बढ़ रहे हैं। ट्रेड और टैरिफ पर उनके रुख से – गैर-यू.एस. बाजारों, विशेष रूप से यूरोप, चीन और जापान पर – ट्रंप की ट्रेड नीतियों के प्रभाव भारी पड़ सकते हैं।
यू.एस. बनाम ग्लोबल इंडीसीज
ट्रंप के “अमेरिका फर्स्ट” नीतियों को आगे बढ़ाने से आशा है टैक्स कटौती, विनियमन में ढील और बुनियादी ढांचे के खर्च के बारे में आशावाद से प्रेरित यू.एस. इक्विटी अल्पावधि से मध्यम अवधि में ग्लोबल इंडीसीज से बेहतर प्रदर्शन करेगी। बहरहाल, – यू.एस. चीन ट्रेड संघर्ष या उच्च टैरिफ के प्रति – यूरोपीय और एशियाई बाजार अधिक संवेदनशील हो सकते हैं। यू.एस. निर्यात या ग्लोबल सप्लाई चेन पर निर्भर देशों में धीमी बढौतरी हो सकती है, जिससे निवेशकों को यू.एस. एसेट की सुरक्षा तलाशनी पड़ सकती है। इससे ट्रंप की नीतियों से अमेरिकी शेयरों और डॉलर की मांग बढ़ने पर ग्लोबल लेवल पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखी जा सकती हैं।
ट्रंप ट्रेड संघर्ष तनाव
विशेषकर अमेरिका और चीन के बीच नए सिरे से ट्रेड संघर्ष की संभावना ग्लोबल बाजारों में सबसे बड़ा जोखिम है। विदेशी सामान पर व्यापक टैरिफ की संभावना से ट्रंप की आक्रामक ट्रेड नीतियां चीन और यूरोपीय संघ दोनों में तनाव बढ़ा सकती हैं। ऑटोमोबाइल जैसे विशिष्ट लक्ष्यों से सभी आयातों पर 10% से 20% टैरिफ के उनके प्रस्ताव ग्लोबल सप्लाई चेन बाधित कर, मुद्रास्फीति बढ़ाकर आर्थिक विकास धीमी कर सकते हैं।
ट्रंप का चीन से आने वाले सामानों पर 60% टैरिफ लगाने पर, चीन की ओर से जवाबी टैरिफ लगाया जा सकता है, जिससे ग्लोबल बाजारों में अस्थिरता हो सकती है। इससे अमेरिका और चीन से ट्रेड पर बहुत निर्भर मेक्सिको, दक्षिण कोरिया और ब्राजील जैसे उभरते बाजार विशेषरूप से प्रभावित होंगे। अमेरिकी टैरिफ के प्रति यूरोपीय संघ भी संवेदनशील है, जो इसे व्यापक ट्रेड संघर्ष में धकेल सकता है।
इन जोखिमों से निपटने के लिए ब्रेक्सिट के बाद ब्रिटेन के सामने मुश्किल विकल्प हैं, यूरोपीय संघ से उसके संबंध घनिष्ठ हैं और क्रॉसफ़ायर में उलझने का जोखिम है। संरक्षणवाद बढ़ने से ग्लोबल बाजारों में अस्थिरता, छोटी अर्थव्यवस्थाओं को नुकसान और ग्लोबल आर्थिक स्थिरता के लिए गंभीर जोखिम पैदा कर सकती है
निवेशकों के लिए ट्रेडिंग के मौके और जोखिम
हालांकि यू.एस. स्टॉक और डॉलर के लिए विशेषरूप से मुद्रास्फीति, बढ़ते राष्ट्रीय ऋण और ग्लोबल ट्रेड अनिश्चितताओं से संबंधित अल्पकालिक दृष्टिकोण सकारात्मक है, दीर्घकालिक जोखिम मौजूद हैं। ट्रंप की बिजनेस समर्थक नीतियों से अल्पकालिक आर्थिक बढ़ावा संभव है, मगर ट्रेड संघर्षों और राजकोषीय नीतियों के उनके दीर्घकालिक निहितार्थ अभी भी अनिश्चित हैं।
ट्रंप के विनियमन में ढील
विशेषरूप से एनर्जी, वित्त और टैक्नोलॉजी में प्रमुख सेक्टरों में विनियमन में ढील के लिए ट्रंप के निरंतर प्रयास से विकास और नवाचार के अवसरों को बढ़ावा मिलने की संभावना है। नौकरशाही बाधाएं कम करने और व्यवसायों को ऑपरेशन में अधिक लचीलापन देने से, विनियमन में ढील अनुपालन लागत कम होकर, उत्पादकता बढ़ाकर निवेश प्रोत्साहित कर सकती है। ऑयल और गैस, वित्तीय सर्विसेस और तकनीक जैसे सेक्टरों की कंपनियों को लाभप्रदता में महत्वपूर्ण सुधार देखा जा सकता है, जो निकट भविष्य में यू.एस. शेयर बाजार के प्रदर्शन को बढ़ावा दे सकता है। यह परिस्थितियां यू.एस. में बिजनेस के अनुकूल माहौल तलाशने में विदेशी निवेश भी आकर्षित कर सकती हैं। हालाँकि विनियमन में ढील से पर्यावरणीय या प्रणालीगत वित्तीय जोखिम जैसे अप्रत्याशित नकारात्मक परिणामों पर इन लाभों की दीर्घकालिक स्थिरता निर्भर करती है।
ऋण एवं मुद्रास्फीति जोखिम
ट्रंप के प्रशासन में बढ़ती हुई चिंता है यू.एस. का राष्ट्रीय ऋण। उनके प्रस्तावित टैक्स कटौती और रक्षा खर्च में वृद्धि से राजकोषीय घाटा बढ़ सकता है, जिससे ब्याज दरों पर संभावित दबाव बढ़ेगा। इसके अलावा, राजकोषीय विस्तार और चीन तथा अन्य ट्रेडिंग पार्टनरों से आयात पर टैरिफ सहित बढ़ते संरक्षणवाद से यू.एस. उपभोक्ताओं और व्यवसायों की लागत बढ़ सकती है। जैसे-जैसे मुद्रास्फीति में तेजी आएगी, इससे क्रय शक्ति कम होगी और उपभोक्ता खर्च कम हो सकता है, जिसका नकारात्मक प्रभाव आर्थिक विकास पर होगा। उच्च मुद्रास्फीति से फेडरल रिजर्व द्वारा मौद्रिक नीतियां कठोर करने की भी संभावना होगी, जिससे शेयर बाजार की गति धीमी होगी और उधार लेने की लागत बढ़ सकती है।
निष्कर्ष: अनिश्चितता के समय में आशावाद
डोनाल्ड ट्रंप की 2024 की चुनावी जीत से यू.एस. शेयरों में जोरदार तेजी आई और यू.एस. डॉलर मजबूत हुआ, जो टैक्स कटौती, विनियमन में ढील और एनर्जी की आजादी पर ध्यान देने वाले बिजनेस समर्थक एजेंडे की आशाओं से प्रेरित है। एनर्जी, टैक्नोलॉजी और वित्त जैसे प्रमुख सेक्टरों में कम समय में तेजी देखने को मिलेगी, जबकि ग्लोबल बाजारों को संभावित ट्रेड संघर्षों, टैरिफ और भू-राजनीतिक तनावों से जोखिम का मुकाबला करना पड़ सकता है।
अमेरिकी बाजारों में आशावाद के बावजूद, बढ़ती मुद्रास्फीति, राष्ट्रीय ऋण और दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता को लेकर चिंताएँ हैं। निवेशकों को सकारात्मक रहते हुए सावधानी से बढ़ना चाहिए, अल्पकालिक अर्थव्यवस्था में बाजार के अवसर अस्थिरता और अनिश्चितता की संभावना से संतुलित करने चाहिए।