क्रूड ऑयल के प्रकारों का परिचय
कभी “ब्लैक गोल्ड” के रूप में जाना जाने वाला क्रूड ऑयल, प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला जीवाश्म ईंधन है जो आधुनिक सभ्यताओं में आवश्यक कमोडिटी बन गया है। यह दैनिक जीवन और इंडस्ट्रियल गतिविधियां सपोर्ट करते गैसोलीन, प्लास्टिक, रसायन और अनेक अन्य कमोडिटियों का कच्चा माल है। बढ़ती ग्लोबल एनर्जी मांगों से, क्रूड ऑयल परिवहन से लेकर बिजली जेनरेशन तक हर चीज ईंधन से मिलती है, जिससे यह अधिकांश अर्थव्यवस्थाओं के ऑपरेशन के लिए जरूरी हो जाता है। प्रतिदिन दुनिया में लगभग 100 मिलियन बैरल ऑयल की खपत होती है, जिसकी मांग परिवहन, इंडस्ट्रियल गतिविधियों और घरेलू एनर्जी मांगों में विभाजित की जा सकती है।
इस्तेमाल किए जाने वाले क्रूड ऑयल के दो सर्वाधिक रूप हैं ब्रेंट और WTI (वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट)। कीमत और बाजार ट्रेंडों पर पड़ने वाले उनके प्रभाव से उनका महत्व पता चलता है, जिसमें प्रत्येक किस्म अनूठे क्षेत्रीय बाजार गतिशीलता और रिफाइनिंग विशेषताएं दर्शाती है।
ब्रेंट क्रूड क्या है?
यूके ब्रेंट ऑयल फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट (CFD): UKOIL.MMMYY ऐसी CFD प्रोडक्ट है जो यूके ब्रेंट ऑयल का मूल्य दर्शाते हुए ग्लोबल लेवल पर सर्वाधिक मान्यता प्राप्त ऑयल बेंचमार्क में से एक है। उत्तरी सागर में यूनाइटेड किंगडम और नॉर्वे के बीच ब्रेंट क्रूड ऑयल भंडार के नाम पर इसका नाम रखा गया। इसमें सल्फर का लेवल कम होने से इस क्रूड ऑयल को “स्वीट” कहते हैं, जो इसे गैसोलीन और डीजल में रिफाइन करने के लिए उत्कृष्ट बनाता है। ब्रेंट क्रूड की भौगोलिक उत्पत्ति और मजबूत गुणवत्ता ने इसे यूरोप, अफ्रीका और मध्य पूर्व में ऑयल की कीमतों के लिए महत्वपूर्ण बेंचमार्क बनाने में मदद की है। दुनिया के लगभग दो-तिहाई क्रूड ऑयल कॉन्ट्रेक्ट की कीमत ब्रेंट क्रूड के उपयोग से तय होती है, जो ग्लोबल एनर्जी बाजार में इसका महत्व दर्शाती है।
उदाहरण: यूरोपीय बाजारों से इसके संबद्ध होने के कारण, ब्रेंट क्रूड की कीमतें अक्सर पूरे यूरोप और अफ्रीका में ईंधन की लागत प्रभावित करती हैं। मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक अशांति के समय, सप्लाई की चिंताओं से ब्रेंट की कीमतें तेज़ी से बढ़ सकती हैं, जिससे गैसोलीन की कीमतों से लेकर हीटिंग ऑयल के खर्च तक सब कुछ प्रभावित होता है।
WTI क्या है?
US WTI ऑयल फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट (CFD): USOIL.MMMYY, WTI ऑयल के मूल्य पर आधारित CFD प्रोडक्ट का प्रतिनिधित्व करता है, जो मुख्य रूप से टेक्सास, ओक्लाहोमा और आस-पास के राज्यों में यू.एस. ऑयल फील्ड में उत्पादित प्रमुख बेंचमार्क है। ब्रेंट के मुकाबले WTI हल्का और मीठा होता है, जिसमें सल्फर का लेवल और भी कम होता है। यह गैसोलीन निर्माण के लिए इसे एकदम सही बनाता है, और अक्सर यू.एस. बाजारों में पसंद किया जाता है। WTI क्रूड ऑयल की कीमत मुख्य रूप से न्यूयॉर्क मर्केंटाइल एक्सचेंज (NYMEX) पर तय होती है, और इसकी कीमत यू.एस. ऑयल बाजार की चाल का अनूठा सिग्नल है।
उदाहरण: संयुक्त राज्य भर में WTI मूल्य निर्धारण से सीधे गैसोलीन की कीमतें प्रभावित होती हैं। उदाहरण के लिए COVID-19 में, यू.एस. में मांग तेजी से घटी, जिससे WTI की कीमतें ऐतिहासिक निचले लेवल पर आईं। WTI की कीमतों में गिरावट ने अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए गैसोलीन की कीमतें अस्थायी रूप से कम कर दीं।
ब्रेंट बनाम WTI, मुख्य अंतर क्या हैं?
भौगोलिक स्रोत और बाजार प्रभाव
WTI: WTI की सप्लाई मुख्य रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका के ऑयल क्षेत्रों, विशेष रूप से टेक्सास, ओक्लाहोमा और आस-पास के क्षेत्रों से होती है। अमेरिकी बाजार के लिए WTI अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे स्थानीय स्तर पर निकाला और अमेरिकी ऑयल सप्लाई और मांग के ट्रेंड इंडिकेटर के तौर पर सक्रिय रूप से देखा जाता है। ऑयल को कुशिंग, ओक्लाहोमा में भेजा जाता है, जहां पूरे देश में व्यापक पाइपलाइन कनेक्टिविटी से महत्वपूर्ण स्टोरेज सुविधा है। अपने स्थानीय प्रोडक्शन और वितरण स्थलों के कारण, WTI की कीमतें संयुक्त राज्य अमेरिका में बाजार परिस्थितियों के अधिक अनुरूप हैं।
ब्रेंट क्रूड: यूनाइटेड किंगडम और नॉर्वे के बीच उत्तरी सागर में ऑयल क्षेत्रों से ब्रेंट प्राप्त होता है। दुनिया भर में ब्रेंट ऑयल की कीमत बेंचमार्क बनती है, जिससे एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के बाजार प्रभावित होते हैं। WTI के मुकाबले के मुकाबले यह ब्रेंट को व्यापक ग्लोबल एक्सेस उपलब्ध करवाता है, जिससे अंतरराष्ट्रीय ऑयल निर्यात और अनुबंधों पर कीमतें निर्धारित करने के लिए, विशेषकर संयुक्त राज्य अमेरिका के बाहर के क्षेत्रों में यह जाना-माना बेंचमार्क बनता है।
गुणवत्ता और रिफाइनिंग विशेषताएँ
घनत्व और API गुरुत्वाकर्षण: कम घनत्व से WTI “लाईट” क्रूड ऑयल के रूप में वर्गीकृत है। इसका API गुरुत्वाकर्षण लगभग 39.6 है, जो उपलब्ध ऑयल के सबसे हल्के रूपों में से एक है। इसी तरह लाईट क्रूड ऑयल के रूप में वर्गीकृत होने के बावजूद, ब्रेंट में थोड़ा कम API गुरुत्वाकर्षण (लगभग 38) है, जो WTI के मुकाबले इसे कुछ सीमा तक सघन बनाता है।
सल्फर सामग्री: कम सल्फर लेवल के कारण WTI और ब्रेंट “स्वीट” रूप में वर्गीकृत हैं। हालाँकि, ब्रेंट के मुकाबले WTI बेहद स्वीट है, जिसमें लगभग 0.24% सल्फर सामग्री है जबकि ब्रेंट में लगभग 0.37% है। कम सल्फर लेवल से दोनों क्रूड तेल प्रोसेस में आसान होकर गैसोलीन और डीजल प्रोडक्शन के लिए उपयुक्त बनाते हैं। बहरहाल, रिफाइनिंग की आसानी और उच्च गुणवत्ता वाले गैसोलीन के प्रोडक्शन के लिए, WTI की बेहद कम सल्फर सामग्री प्राथमिकता के मामले में इसे यू.एस. में थोड़ी बढ़त देती है।
उदाहरण: WTI चूंकि लाईट और स्वीट होता है, इसलिए यू.एस. में गैसोलीन में रिफाइन करने में इसे अक्सर पसंद करते हैं, जिससे स्थानीय गैसोलीन कीमतें WTI से अधिक संबद्ध होती हैं। इसके विपरीत, ब्रेंट का थोड़ा भारी और खट्टा गुण इसे डीजल प्रोडक्शन सहित यूरोप की विविध ऑयल जरूरतों से अधिक संरेखित करते हैं।
मूल्य अंतर और WTI-ब्रेंट स्प्रेड
ऐतिहासिक मूल्य अंतर: भौगोलिक और तार्किक कारणों से अक्सर ब्रेंट के मुकाबले WTI थोड़ी छूट पर ट्रेड करता है। एवरेज मूल्य अंतर, जिसे “WTI-ब्रेंट स्प्रेड” के रूप में जानते हैं, बाजार परिस्थितियों के आधार पर कुछ डॉलर से लेकर $10 प्रति बैरल से अधिक तक भिन्न हो सकता है। उदाहरण के लिए, 2011 में, परिवहन में देरी से संयुक्त राज्य अमेरिका में WTI-ब्रेंट अंतर नाटकीय तौर पर बढ़ा, जिससे ब्रेंट के मुकाबले WTI को पर्याप्त छूट पर ट्रेड करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
स्प्रेड पर बाजार का प्रभाव: संयुक्त राज्य अमेरिका की सप्लाई और स्टोरेज क्षमता से WTI की कीमतें काफी प्रभावित होती हैं। घरेलू मांग या निर्यात क्षमता सीमित रहते हुए अमेरिकी ऑयल प्रोडक्शन बढ़ने पर, ब्रेंट के मुकाबले WTI की कीमत गिर सकती है। दूसरी ओर, मध्य पूर्वी युद्धों, ओपेक प्रोडक्शन विकल्पों और यूरोपीय रिफाइनरी मांग जैसी फॉरेक्स वस्तुओं के प्रति ब्रेंट अधिक संवेदनशील है।
वर्तमान ट्रेंड: संयुक्त राज्य अमेरिका में पाइपलाइन के उन्नत बुनियादी ढांचे और निर्यात क्षमता में वृद्धि होने से WTI-ब्रेंट का अंतर अब अधिक संतुलित है। बहरहाल, खाड़ी तट की रिफाइनरियों को नुकसान पहुँचाने वाले तूफान या भू-राजनीतिक तनाव जैसी घटनाओं से अब भी मामूली उतार-चढ़ाव हो सकते हैं।
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परिवहन और स्टोरेज के कारण
WTI: समग्र अमेरिका में मुख्य रूप से विशाल पाइपलाइन नेटवर्क से कुशिंग, ओक्लाहोमा में स्टोरेज केंद्र तक पहुँचाया जाता है। इस घरेलू पाइपलाइन नेटवर्क ने आम तौर पर WTI की ग्लोबल उपलब्धता सीमित कर दी है, हालाँकि हाल के वर्षों में बुनियादी ढाँचे से अमेरिकी क्रूड ऑयल का निर्यात बढ़ा है। कुशिंग में स्टोरेज की कमी से WTI की कीमतें काफी प्रभावित हो सकती हैं। उदाहरण के लिए, अप्रैल 2020 में, जब कुशिंग में स्टोरेज भरा, तो सुलभ स्टोरेज की कमी से WTI फ्यूचर गिरा।
ब्रेंट: उत्तरी जल में समुद्रतट से दूर उत्पादित ब्रेंट क्रूड ज्यादातर पानी के रास्ते ले जाया जाता है, जिससे अंतरराष्ट्रीय शिपिंग और वाणिज्य के लिए यह अधिक अनुकूल होता है। समुद्री एक्सेस से महाद्वीपों में ब्रेंट अधिक आसानी से वितरित होता है, जिससे ग्लोबल बाजार में इसकी प्रमुखता में सहयोग होता है। ब्रेंट की समुद्री परिवहन प्रकृति इसे अंतरराष्ट्रीय क्रूड ऑयल अनुबंधों के बेहतर बेंचमार्क के रूप में काम करने देती है।
उदाहरण: ब्रेंट अपने अंतरराष्ट्रीय परिवहन लचीलेपन के कारण अधिक स्थिर रहा जबकि 2020 के ऑयल मूल्य में गिरावट से WTI स्टोरेज की चुनौतियां उजागर हुईं।
बाजार प्रभाव और ग्लोबल एक्सेस
WTI: यू.एस. बाजार मूल्य निर्धारण का मुख्य रूप से बेंचमार्क के रूप में उपयोग होता है, यह सीधे घरेलू गैसोलीन और ऑयल की कीमतें प्रभावित करता है। अपनी सीमित भौगोलिक एक्सेस से, WTI ग्लोबल भू-राजनीतिक घटनाओं से कम प्रभावित होता है। बहरहाल, WTI की कीमतें सीधे यू.एस. नीतियों, प्राकृतिक आपदाओं और घरेलू प्रोडक्शन परिवर्तनों से प्रभावित होती हैं।
ब्रेंट: ग्लोबल बेंचमार्क के रूप में अपनी हैसियत से ब्रेंट क्रूड की दुनिया भर में पहुँच काफी महत्वपूर्ण है। अक्सर दुनिया भर में इसकी कीमत सप्लाई और माँग की गतिशीलता दर्शाती है, जैसे ओपेक के फैसले, मध्य पूर्वी भू-राजनीतिक घटनाएँ और यूरोपीय माँग में उतार-चढ़ाव। ब्रेंट क्रूड को यह ग्लोबल ऑयल बाजार का बेहद मजबूत भविष्यवक्ता बनाता है, इसलिए, दुनिया भर के दो-तिहाई से अधिक क्रूड ऑयल कांट्रेक्ट्स का यह बेंचमार्क है।
उदाहरण: ब्रेंट की कीमतों में उछाल का कारण अक्सर ईरान और सऊदी अरब के आसपास के मध्य पूर्वी तनाव ऑयल सप्लाई व्यवधानों की चिंताएं बनती हैं। आमतौर पर ऐसे तनाव WTI को सीधे प्रभावित नहीं करते क्योंकि यह अमेरिकी बाजार में अधिक अछूता है।
क्रूड ऑयल और WTI कैसे ट्रेड करें
WTI और ब्रेंट जैसे क्रूड ऑयल की ट्रेडिंग, ग्लोबल क्रूड ऑयल बाजार में निवेश करने वाले निवेशकों की आम तकनीक है। इन कमोडिटियों को ट्रेड करने के अनेक पारंपरिक तरीके यहां दिए गए हैं:
CFD (अंतर के लिए कॉंट्रेक्ट्स): ट्रेडरों को बुनियादी एसेट के स्वामित्व के बिना CFD ऑयल कीमतों में उतार-चढ़ाव पर दांव लगाने देता है। यूरोप में यह विशेष लोकप्रिय है, जहाँ ATFX जैसे प्लेटफ़ॉर्म ट्रेडरों को अपने दांव लगाने और बढ़ती और गिरती कीमतों से लाभ कमाने देते हैं। यूके ब्रेंट क्रूड ऑयल फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट (CFD): UKOIL.MMMYY और यूएस WTI क्रूड ऑयल फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट (CFD): USOIL.MMMYY में निवेशक ट्रेड कर सकते हैं।
फ्यूचर कांट्रेक्ट्स: ट्रेडरों को भविष्य की तारीख पर पूर्व निर्धारित मूल्य पर ऑयल खरीदने या बेचने के लिए फ्यूचर कांट्रेक्ट्स सर्वाधिक सीधे ऑप्शन हैं। WTI फ्यूचर आमतौर पर NYMEX पर ट्रेड होते हैं, जबकि ब्रेंट फ्यूचर इंटरकॉन्टिनेंटल एक्सचेंज (ICE) पर ट्रेड होते हैं। ऑयल कीमतों में उतार-चढ़ाव से, फ्यूचर ट्रेड के लिए ट्रेडरों को उच्च जोखिम सहने होते हैं।
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ETF (एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड): ETF उन निवेशकों को अधिक सुलभता से प्रवेश करने देते हैं जिन्हें फ्यूचर कांट्रेक्ट्स में तुरंत प्रवेश किए बिना ऑयल ट्रेडिंग करनी हो। उदाहरण के लिए WTI के लिए यूनाइटेड स्टेट्स ऑयल फंड (USO) और ब्रेंट ऑयल के लिए ब्रेंट ऑयल फंड।
ऑयल कंपनी के शेयर: निवेशक ऑयल कंपनियों के शेयर खरीदकर भी अप्रत्यक्ष जोखिम ले सकते हैं, जिनका लाभ अक्सर ऑयल की कीमतों से संबद्ध होता है। WTI और ब्रेंट मूल्य परिवर्तनों से एक्सॉनमोबिल, शेवरॉन और बी.पी. जैसी कंपनियाँ प्रभावित होती हैं।
उदाहरण: उत्तरी गोलार्ध में सर्दियों की अत्यधिक मांग अवधि में ऑयल की कीमतें बढ़ सकती हैं। फ्यूचर या CFD से मौसमी उतार-चढ़ाव का फायदा उठाकर ट्रेडर अनुमानित मूल्य वृद्धि से लाभ ले सकते हैं।
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मुख्य ऑयल बेंचमार्क
ग्लोबल ऑयल बाजार में WTI और ब्रेंट एकमात्र बेंचमार्क नहीं हैं। इसमें शामिल अन्य महत्वपूर्ण बेंचमार्क हैं:
दुबई/ओमान क्रूड: ब्रेंट और WTI के मुकाबले दुबई/ओमान क्रूड भारी और खट्टा है, जो इसे फारस की खाड़ी के ऑयल का क्षेत्रीय बेंचमार्क बनाता है।
OPEC बास्केट: OPEC बास्केट OPEC सदस्य देशों की कीमतों का एवरेज है जिसका दुनिया भर में सप्लाई और मांग ट्रैक करने के लिए संगठन में उपयोग किया जाता है।
विभिन्न लोकेशनों और गुणवत्ता में ऑयल की कीमतों को मानकीकृत करने, ग्लोबल बाजारों में पारदर्शिता लाने और सप्लाई श्रृंखला विकल्पों को निर्देशित करने में ये बेंचमार्क मददगार होते हैं।
निष्कर्ष
ग्लोबल एनर्जी इंडस्ट्री में रुचि रखने वाले किसी व्यक्ति के लिए WTI और ब्रेंट क्रूड ऑयल का अंतर समझना महत्वपूर्ण है। WTI अमेरिकी बाजारों पर बहुत प्रभाव डालता है, जबकि ब्रेंट की यूरोप, अफ्रीका और उससे आगे महत्वपूर्ण भूमिका है। मूल्य निर्धारण के लिए दोनों जरूरी हैं लेकिन भू-राजनीतिक संघर्षों और सप्लाई-मांग में उतार-चढ़ाव जैसी ग्लोबल घटनाओं पर अलग-अलग प्रतिक्रिया होती है। ये बेंचमार्क ट्रेडरों को फ्यूचर्स, ETF, CFD या ऑयल कंपनी के शेयरों से बाजार की गतिशीलता पर पूंजी लगाने देते हैं।
ATFX से ब्रेंट क्रूड ऑयल और WTI ट्रेड करें
कॉन्ट्रैक्ट्स फॉर डिफरेंस (CFD) के उपयोग से क्रूड ऑयल ट्रेडिंग का ATFX सहज-सुलभ प्लेटफ़ॉर्म है। ऑयल को भौतिक रूप से खरीदे बिना ट्रेडरों को WTI और ब्रेंट क्रूड की कीमतों में उतार-चढ़ाव पर ATFX दांव लगाने देता है। ट्रेडरों को अधिकतम रिवार्डों के लिए अपनी होल्डिंग्स का लाभ उठाते हुए ऑयल की बढ़ती और गिरती कीमतों से यह लचीलापन लाभ उठाने देता है। सभी कौशल लेवलों के ट्रेडरों की मदद के लिए रिस्क मैनेजमेट टूल, प्रतिस्पर्धी स्प्रेड और प्रोफेशनल-ग्रेड मार्केट रिसर्च भी ATFX का प्लेटफ़ॉर्म उपलब्ध करवाता है।